Javed Akhtar Ki 31 Shayari with Text:
जावेद अख्तर वो नाम हैं जिसे भारत ही नहीं देश विदेश में भी जाना जाता हैं.
जावेद अख्तर जी का जन्म ग्वालियर में 17 जनवरी 1945 को में हुआ था।
फिल्मों के गीतकार और पटकथा लेखक के रूप में साथ ही वो सामाजिक कार्यकर्त्ता के रूप में भी एक प्रसिद्ध हस्ती मानी जाती हैं.
यहाँ पर जावेद अख्तर जी की लिखी शायरी उपलब्ध है जिन्हे आप वन क्लिक में कॉपी करके अपना स्टेटस बना सकते है और दूसरो के साथ शेयर भी कर सकते है |
नहीं मिलते हो मुझसे तुम,
-Javed Akhtar Ji
तो सब हमदर्द हैं मेरे
ज़माना मुझसे जल जाए,
अगर तुम मिलने आ जाओ
नहीं मिलते हो मुझसे तुम तो सब हमदर्द हैं मेरे
-Javed Akhtar Ji
ज़माना मुझसे जल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ
क्यूं मेरे साथ कोई और परेशान रहे
-Javed Akhtar Ji
मेरी दुनिया है जो वीरान तो वीरान रहे
ज़िन्दगी का ये सफ़र तुमको तो आसान रहे
हमसफ़र मुझको बनाओगी तो पछताओगी
ख़ुदकुशी क्या ग़मों का हल बनती
-Javed Akhtar Ji
मौत के अपने भी सौ झमेले थे
किन लफ़्ज़ों में इतनी कड़वी,
-Javed Akhtar Ji
इतनी कसैली बात लिखूं
शेर की मैं तहज़ीब निभाऊं
या अपने हालात लिखूं
ज़रा मौसम तो बदला है,
-Javed Akhtar Ji
मगर पेड़ों की शाख़ों पर नए पत्तों के आने में
अभी कुछ दिन लगेंगे
बहुत से ज़र्द चेहरों पर
ग़ुबार-ए-ग़म है
कम बे-शक पर उन को
मुस्कुराने में अभी कुछ दिन लगेंगे
वक़्त आने दे दिखा देंगे तुझे ऐ आसमाँ
-Javed Akhtar Ji
हम अभी से क्यूँ बताएँ क्या हमारे दिल में है
इन्ही ग़म की घटाओं से ख़ुशी का चाँद निकलेगा
-Javed Akhtar Ji
अँधेरी रात के पर्दे में दिन की रौशनी भी है
लोग जिस हाल में मरने की दुआ करते हैं
-Javed Akhtar Ji
मैंने उस हाल में जीने की क़सम खाई है
खामोशियाँ कर दे बयाँ तो अलग बात है
-Javed Akhtar Ji
कुछ दर्द ऐसे भी है जो लफ्जों में उतारे नहीं जाते
मैं भूल जाऊँ तुम्हें अब यही मुनासिब है
-Javed Akhtar Ji
मगर भुलाना भी चाहूँ तो किस तरह भूलूँ
कि तुम तो फिर भी हक़ीक़त हो कोई ख़्वाब नहीं
यहाँ तो दिल का ये आलम है क्या कहूँ
कमबख़्त !
भुला न पाया ये वो सिलसिला जो था ही नहीं
वो इक ख़याल
जो आवाज़ तक गया ही नहीं
वो एक बात
जो मैं कह नहीं सका तुमसे
वो एक रब्त
जो हममें कभी रहा ही नहीं
मुझे है याद वो सब
जो कभी हुआ ही नहीं
ज़रा मौसम तो बदला है मगर पेड़ों की शाख़ों
पर नए पत्तों के आने में अभी कुछ दिन लगेंगे
बहुत से ज़र्द चेहरों पर ग़ुबार-ए-ग़म है
कम बे-शक पर उन को
मुस्कुराने में अभी कुछ दिन लगेंगे
Gazal Shayari Status 2022
कभी यूँ भी तो हो…
-Javed Akhtar ki Shayari
ये बादल ऐसा टूट के बरसे,
मेरे दिल की तरह मिलने को तुम्हारा दिल भी तरसे,
तुम निकलो घर से …
कभी यूँ भी तो हो…
तनहाई हो, दिल हो,
बूँदें हो, बरसात हो,
और तुम आओ …
ज़ख़्म तो हमने इन आँखों से देखे हैं
लोगों से सुनते हैं मरहम होता है
-Javed Akhtar ki shayari
क्यों डरें ज़िन्दगी में
-Javed Akhtar Ji
क्या होगा ?
कुछ ना होगा तो
तज़रूबा होगा
हँसती आँखों में झाँक कर देखो
कोई आँसू कहीं छुपा होगा
ये दुनिया भर के झगड़े
-Javed Akhtar Ji
घर के किस्से काम की बातें
बला हर एक टल जाए,
अगर तुम मिलने आ जाओ
मैं पा सका न कभी इस ख़लिश से छुटकारा
-Javed Akhtar Ji
वो मुझ से जीत भी सकता था जाने क्यूँ हारा
ये बता दे मुझे ज़िन्दगी
-Javed Akhtar Ji
प्यार की राह के हमसफ़र
किस तरह बन गये अजनबी
ये बता दे मुझे ज़िन्दगी
जाते जाते वो मुझे अच्छी निशानी दे गया
-Javed Akhtar Ji
उम्र भर दोहराऊँगा ऐसी कहानी दे गया
Javed Akhtar Ki 31 Shayari with Text 2022
अगर पलक पे है मोती तो ये नहीं काफ़ी
हुनर भी चाहिए अल्फ़ाज़ में पिरोने का
-Javed Akhtar Ki Shayari
नहीं मिलते हो मुझसे
तुम तो सब हमदर्द हैं मेरे
ज़माना मुझसे जल जाए,
अगर तुम मिलने आ जाओ
-Javed Akhtar Ki Shayari
ग़लत बातों को ख़ामोशी
से सुनना,
हामी भर लेना
बहुत हैं फ़ायदे इसमें
मगर अच्छा नहीं लगता
-Javed Akhtar Ki Kalam se

एक मैं क्या अभी आयेंगे दीवाने कितने
अभी गूंजेगे मुहब्बत के तराने कितने
ज़िन्दगी तुमको सुनायेगी फ़साने कितने
क्यूं समझती हो मुझे भूल नही पाओगी
-Javed Akhtar Ki Shayari
दुख के जंगल में फिरते हैं,
-Gazal by Javed Akhtar
कब से मारे मारे लोग
जो होता है सह लेते हैं,
कैसे हैं बेचारे लोग
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