True fact Poetry

वो चैन से सो रहे है शहर बेचकर,
कोई सुहाग बचा रहा जेवर बेचकर,
बाप ने उमर गुज़र दी घरोंदा बनाने में,
बेटा उसकी सांसे खरीद रहा है घर बेचकर,
बर्बाद हो गए कई घर दवा खरीदने में ,
कुछ लोगो की तिज़ोरी भर गई ज़हर बेचकर !!


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