कड़वा है किंतु सत्य है इसलिए अपनी नज़र नही नज़रिया बदलिए
Lockdown Crisis – Photographers & Videographers
प्रश्न : आज अधिकांश फोटोग्राफर पैसों के लिए संघर्ष क्यों कर रहे जबकि बहुत ही कम फोटोग्राफर्स नाम और पैसा दोनों कमाने में आगे हैं ??
इसका संक्षेप में एक ही जवाब है👇🏻👇🏻
उत्तर : अधिकांश फोटोग्राफर्स का चूहा दौड़ में शामिल होना तथा मानसिक आलस्य का रोग होना
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यहां चूहा दौड़ का मतलब है अज्ञानता के अभाव में बस एक दूसरे को देख होड़ मचाने में ही अपनी सफलता का दायरा सीमित कर देना हैं ।
अगर आपके किसी परिचित फोटोग्राफर ने यदि महंगे कैमरे और उससे संबंधित सभी किट खरीद ली तो आपके अंदर ईर्ष्या या प्रतिस्पर्धा की भावना प्रकट होने की वजह से आप भी पूर्ण दृढ़ संकल्प का विचार मन मे लाये इधर उधर से जोड़तोड़ करके या सरल फाइनेंस स्किम के द्वारा बिना सोचे समझे या तकनीक का विश्लेषण किये सीधे उस चूहा दौड़ में न केवल बढ़कर हिस्सा लेते हैं बल्कि उसमे अपने मन के विजेता बन जाते हैं। लेकिन ज्यादातर फोटोग्राफर भाईयों का 90% मस्तिष्क केवल नया कैमरा लेने की सोचता है वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि बाजू वाले के यहां बड़ा कैमरा आ गया है
मानसिक आलस्य या निष्क्रियता से तातपर्य यह है कि जो जोश और दृढ़ संकल्प के साथ आपने चूहा दौड़ में शामिल होकर नया नया सारे कैमरा आपने खरीद लिया – उन सभी की तकनीकी विशेषज्ञता हासिल करने आपके मन मे अब न वो जोश है और न ही दृढ़ संकल्प क्योंकि एजुकेशन और skill डेवलपमेंट करने में अब आपके सामने कोई भी चूहा दौड़ नही आयोजित हो रही। परिणाम ये होता है जब आपका सीखने का समय आता है तब तक मानसिक आलस्य की वजह से इतना विलम्ब हो जाता है कि जब आपने थोड़ा भी सीखने का ठान भी लिया तब तक बाजार में उससे भी hightech नया विभिन्न कैमरा मॉडल आ जाता है और उसकी मार्केटिंग कुछ ऐसे की जाती है जिसके सामने आपका कैमरा ऐसा दर्शाया जाता है मानो अब वो किसी काम का नही रहा। इसलिए नया कैमरा लेने के बाद भी सिर्फ सिखने में मानसिक आलस्य दिखाने की वजह से आप महंगे उपकरण रखकर भी एक एवरेज स्तर की फोटोग्राफी ही कर पाते हैं।
आपके मानसिक आलस्य का एक और कारण है कि आप खुद अपने आप को बदलना नही चाहते ये कुछ ऐसी स्थिति है मानो आपने हवाई जहाज़ खरीद लिया और बिना ज्ञान के सिर्फ ऑटो पायलेट में डालकर हवाई जहाज़ उड़ाकर उस चूहा दौड़ का हिस्सा बनकर खुश हैं।
उपरोक्त बातों से यह स्पष्ट है कि आपका पूरा मानसिक स्तर चूहा दौड़ में ही अपना दायरा सीमित कर लिया उसके ऊपर अपनी फोटोग्राफी स्किल को develop करने का जुनून और दृढ़ संकल्प (90-95%) लोगों में आ ही नही पाया क्योंकि उन्होंने अपनी सिर्फ नज़र बदली (चूहा दौड़) लेकिन नज़रिया (शिक्षा के प्रति आलस्य) नहीं बदला।
जबकि 5% ऐसे भी लोग हैं जो कम कीमत के कैमरे रखने के बाद भी कमाल की फोटोग्राफी कर रहे हैं और पोस्ट प्रोडक्शन में भी अग्रणी होकर शानदार काम करके नाम भी कमा रहे हैं। क्योंकि वे लोग 90% मस्तिष्क का इस्तेमाल सिर्फ स्किल डेवलपमेंट और तकनीकी शिक्षा में ही लगा रहे हैं। ऐसे लोग पूर्ण दृढ़ संकल्प और क्रियाशील होकर सीखने के लिए हमेशा सभी प्रकार की फ्री अथवा paid सभी कार्यशाला के साथ साथ देश मे कई मशहूर फोटोग्राफर्स से सीखते रहते हैं और अपनी कमाई का कुछ हिस्सा सीखने में ही खर्च करते हैं जबकि दूसरी और कुछ ऐसे भी लोग हैं जो हज़ारो रुपये अपनी अच्छी आदतों में उड़ा देते हैं लेकिन सीखने में 5 पैसा खर्च नही करना चाहते क्योंकि सीखना चूहा दौड़ में शामिल ही नही है।
वही दूसरी और 90% फोटोग्राफर आलस्य की वजह से आज FREE में मिल रहा youtub के ज्ञान को भी सीरियस होकर पूरा नही देखते और बार बार स्किप करके अधूरा हि ज्ञान हासिल करते हैं।
और एक और सबसे महत्वपूर्ण बात ये ही कि नए फोटोग्राफर्स सिर्फ कस्टमर से अच्छा संबंध बनाने की भावना की वजह से बड़े बजट के काम को बहुत कम दाम पे हासिल करने में बाज़ी तो मार जाते हैं लेकिन उसके बाद भी 70% एडवांस मांगने की हिम्मत नही करते। आप लोग भले ही अपनी जरूरत और संतुष्टि के हिसाब से आर्डर चाहे कितने में भी ले परंतु जब तक आप 70% एडवान्स लेने की हिम्मत अपने अंदर नही लाएंगे तब तक पैसों के लिए संघर्ष ही करते रहेंगे।
फोटोग्राफी एक उत्कृष्ट कला है कृपया अपनी उपरोक्त आदतों की वजह से उसे मछली बाजार न बनाएं और खुद को तथा दोस्तों को भी चूहा दौड़ के पीछे भागने से बचाये। “धन्यवाद”
नोट – इस लेख को लिखने का मतलब ये नही की आप महंगा कैमरा न खरीदे या अपने आप को अपडेट न करें । आप निश्चित ही नया खूबियों वाला कैमरा खरीदिये लेकिन किसी चूहा दौड़ का हिस्सा बनने के लिए नही बल्कि अपने ज्ञान को उत्तम स्तर पर अग्रणी बनाते हुए एक सफल और अच्छी रचनात्मक कार्य की योजना के साथ दुसरो से बेहतर बनने का जुनून लेकर आगे बढ़े।
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