Gulzar Sahab Ki 51 Ghazal Shayari Quotes-
दिल तो रोज कहता है मुझे कोई सहारा चाहिए, फिर दिमाग कहता है क्या धोखा दोबारा चाहिए।
-Gulzar Sahab Ki Shayari
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कैसी ये मोहर लगा दी तूने…शीशे के पार से चिपका तेरा चेहरा मैंने चूमा तो मेरे चेहरे पे छाप उतर आयी है उसकी, जैसे कि मोहर लगा दी तूने… तेरा चेहरा ही लिये घूमता हूँ, शहर में तबसे लोग मेरा नहीं, एहवाल तेरा पूछते हैं, मुझ से !!
Ghazal Shayari Quotes Status
अभी न पर्दा गिराओ, ठहरो, कि दास्ताँ आगे और भी है
Gulzar ki shayari quotes
अभी न पर्दा गिराओ, ठहरो!
अभी तो टूटी है कच्ची मिट्टी, अभी तो बस जिस्म ही गिरे हैं
अभी तो किरदार ही बुझे हैं.
अभी सुलगते हैं रूह के ग़म, अभी धड़कते हैं दर्द दिल के
अभी तो एहसास जी रहा है.
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ये बारिश गुनगुनाती थी, इसी छत की मुंडेरों पर
Best Poetry by Gulzar
ये घर की खिड़कियों के काँच पर उंगली से लिख जाती थी संदेसे
बिलखती रहती है बैठी हुई अब बंद रोशनदानों के पीछे
न दिन होता है अब न रात होती है,
Best Shayari Quotes By Gulzar
सभी कुछ रुक गया है
वो क्या मौसम का झौंका था,
जो इस दिवार पर लटकी हुई तस्वीर तिरछी कर गया है
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एक से घर है सभी, एक से बाशिंदे हैं
Gulzar Ki Kalam Se
अजनबी शहर में, कुछ अजनबी लगता ही नही
दौड़ दौड़ के क़दम मिलाता हूँ
Gulzar ki shayari quotes
ज़िंदगी ये कितनी तेज़ चलती है