71 Ghazal Quotes For Drinkers Sad Shayari Status🍺
Sharab Shayari Quotes
भारत के शहरी शायरों की शराब पर शायरी: एक संग्रह
भारतीय उर्दू साहित्य की अमूल्य धरोहर, शराब पर शायरी (Shayari on Sharab), जहाँ शराब प्रेम, विद्रोह और जीवन की तृष्णा का प्रतीक बनी रहती है। इस संग्रह में मिर्ज़ा ग़ालिब के कालजयी शेर जैसे “ज़ाहिद शराब पीने दे मस्जिद में बैठ कर” से लेकर शेख़ इब्राहिम ज़ौक़ की विद्रोही पंक्तियाँ “ज़ाहिद शराब पीने से काफ़िर हुआ मैं क्यों” तक, कुल 25 चुनिंदा उर्दू शेर (Urdu Sher) शामिल हैं। दाग़ देहलवी, जीगर मुरादाबादी, फ़िराक़ गोरख़पुरी, निदा फ़ाज़ली, शकील बदायूनी और बशीर बद्र जैसे महान शायरों की रचनाएँ यहाँ संकलित हैं, जो मयख़ाने की मस्ती (Maykhane ki Masti), साक़ी की शरारत (Saqi ki Shararat) और ज़ाहिद-ओ-शराबी का संवाद (Zahid o Sharabi ka Samvad) को जीवंत करती हैं।
ये शराबी शायरी (Sharabi Shayari) न केवल नशे की तहज़ीब दर्शाती हैं, बल्कि सामाजिक आलोचना भी करती हैं—जैसे वाअज़ की नसीहत (Waiz ki Naseehat) पर तंज। हिंदी अनुवाद (Hindi Translation) के साथ रोमन लिपि में प्रस्तुत, ये शेर प्रेम शायरी (Prem Shayari) और ज़िंदगी पर शायरी (Zindagi par Shayari) के शौकीनों के लिए आदर्श हैं। चाहे ग़ालिब की शराब शायरी (Ghalib ki Sharab Shayari) हो या ज़ौक़ के काफ़िराना शेर (Zouk ke Kafiraana Sher), हर पंक्ति में मय की मादकता झलकती है। सर्च करें: भारतीय शायर शराब शेर, क्लासिक उर्दू पोएट्री ऑन वाइन (Classic Urdu Poetry on Wine), मस्ताना शायरी कलेक्शन (Mastana Shayari Collection)। यह संग्रह उर्दू प्रेमियों को नशे की दुनिया में ले जाता है, जहाँ हर जाम एक कहानी कहता है।
“कहते है ज़ख्मो का इलाज है शराब
ज़ख्म हरे हो जाते है, पीते ही शराब”-अज्ञात
“आती हैं जब भी हिचकियाँ अब,
शराब मैं पी लेता हूँ….
अब तो वो वहम भी छोड़ दिया है,
कि कोई मुझे भी याद करता है”
-अज्ञात
“शराब ग़म भुला देती है, ये किसने कह दिया
मैंने तो पीने के बाद, लोगो को रोते देखा है”-अज्ञात
“तू जाम दे या ना दे सांकी, मगर बोतल भरी रख
इससे उम्मीद रहती है, कि अभी शराब बांकी है”-अज्ञात
“बर्फ का वो शरीफ टुकड़ा
जाम में क्या गिरा बदनाम हो गया
देता जब तक अपनी गवाही
वो खुद शराब हो गया”
-अज्ञात
“अज़ाँ हो रही है पिला जल्द साक़ी,
इबादत करें आज मख़मूर होकर।”
-अज्ञात
अर्थ-अज़ान हो रही, जल्दी पिला साक़ी; आज नशे में इबादत करेंगे।
“मेरी कब्र पर मत गुलाब लेके आना
ना ही हाथों में चिराग लेके आना
प्यासा हूँ मैं बरसो से ऐ दोस्त
बोतल शराब की और एक गिलास लेके आना”
-अज्ञात
“ख़त्म न हो शराब सांकी तब तक मेरे प्यालो से,
जब तक ‘वो’ शख्स निकल ना जाये मेरे ख्यालों से”
-अज्ञात
“रोक दो मेरे जनाज़े को जालिमों
मुझमें जान आ गयी है
पीछे मुड़के देखो तो यारो
दारू की दुकान आ गयी है”
-अज्ञात
Sad Shayari Quotes for WhatsApp
तुम्हारी आँखों कि तौहीन है ज़रा सोचो
तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है
-मुनव्वर राणा
“ज़ाहिद शराब पीने दे मस्जिद में बैठ कर,
या वो जगह बता दे जहाँ पर ख़ुदा न हो।”
-मिर्ज़ा ग़ालिब
अर्थ- मस्जिद में शराब पीने दे, या ऐसी जगह बता जहाँ भगवान/ ख़ुदा न हो
“कहां मैखाने का दरवाज़ा ग़ालिब, और कहां वाइज़
पर इतना जानते है, कल वो जाता था, कि हम निकले”
-मिर्ज़ा ग़ालिब
“अब तो उतनी भी मयस्सर नहीं मयख़ाने मे,
जितनी हम छोड़ दिया करते थे पैमाने मे”
-दीवाकर राही
“आए थे हँसते खेलते मयख़ाने मे ‘फ़िराक़’,
जब पी चुके शराब तो संजीदा हो गए”
-फ़िराक़ गोरख़पुरी
Best Hindi Ghazal Shayari for Sharab🍺 Status Quotes
“क़र्ज़ की पीते थे मय, लेकिन समझते थे कि हाँ,
रंग लाएगी हमारी, फ़ाका-मस्ती एक दिन।”
-मिर्ज़ा ग़ालिब
“गो हाथ को जुम्बिश नहीं,आँखों में तो दम है,
रहने दो अभी साग़र-ओ-मीना मेरे आगे”
-मिर्ज़ा ग़ालिब
अर्थ- हाथ न चलें तो क्या, आँखों में दम है, जाम और सुराही मेरे सामने रख दो।
Free Online Quote Maker
Mirza Ghalib Ki Shayari Hindi Quotes
“ग़ालिब’ छूटी शराब पर,अब भी कभी-कभी पीता हूँ,
रोज़-ए-अब्र ओ शब-ए-माहताब में”
-मिर्ज़ा ग़ालिब
अर्थ- ग़ालिब, शराब छूट गई, फिर भी बादलों और चाँदनी रातों में कभी-कभी पी लेता हूँ।
“पिला दे ऊक से साक़ी जो हम से नफ़रत है,
प्याला गर नहीं देता न दे शराब तो दे”
-मिर्ज़ा ग़ालिब
अर्थ-साक़ी,अगर मुझसे नफ़रत है तो शराब हथेली में डाल दे, प्याला न दे मगर शराब तो दे।
Ghazal Quotes For Drinkers Sad Shayari Status

“कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गई,
आओ कहीं शराब पिएँ रात हो गई।”
-निदा फ़ाज़ली
“उसने हाथो से छू कर दरिया के
पानी को गुलाबी कर दिया,
हमारी बात तो और थी उसने
मछलियों को भी शराबी कर दिया”
-अज्ञात
“ज़ाहिद शराब पीने से काफ़िर हुआ मैं क्यों,
क्या डेढ़ चुल्लू पानी में ईमान बह गया।”
-शेख़ इब्राहिम ज़ौक़
Best Ghazal Sad Quotes for Status
“न तू होश में हो, न हम होश में हो,
चलो मयकदे में, वहीं बात होगी।”
-बशीर बद्र
“मुझ तक कब उनकी बज़्म मे, आता था दौरे-ज़ाम
सांकी ने कुछ मिला न दिया हो शराब मे “
-मिर्ज़ा ग़ालिब
“कुछ तो शराफ़त सीख ले, ए इश्क़, शराब से,
बोतल पे लिखा तो होता है, मैं जान लेवा हूँ”
-अज्ञात
“ना ज़ख्म ही भरे, ना शराब सहारा हुई,
ना वो वापस लौटे, ना मोहब्बत दोबारा हुई”
-अज्ञात
“पहले शराब ज़िस्त थी अब ज़िस्त है शराब,
कोई पिला रहा है पिए जा रहा हूँ मैं।”
-जिगर मुरादाबादी
अर्थ- पहले शराब जीवन थी, अब जीवन शराब है; कोई पिला रहा, मैं पी रहा हूँ।
“वाइज़ बड़ा मज़ा हो अगर यूँ अज़ाब हो,
दोज़ख़ में पाँव हाथ में जाम-ए-शराब हो”
-दाग़ देहलवी
अर्थ- बड़ा मज़ा आ जाये अगर सज़ा ऐसी हो कि नर्क में पैर हो और हाथ में शराब का गिलास हो।
Sharab Drinker Shayari Quotes for Status
“पी शौक़ से वाइज़, अरे क्या बात है दर की,
दोज़ख़ तेरे क़ब्ज़े में है, जन्नत तेरे घर की।”
-शकील बदायूनी
अर्थ- शौक़ से पी, मस्जिद की क्या बात; नर्क तेरे क़ब्ज़े में, स्वर्ग घर में।
“शिकन न डाल जबीं पर शराब देते हुए,
ये मुस्कुराती हुई चीज़ मुस्कुरा के पिला”
-अब्दुल हमीद आदम
अर्थ- शराब देते वक़्त माथे पर बल न डालो, ये मुस्कुराती चीज़ मुस्कुराकर पिला।
“सब कहते है कि मै पीता हूँ इतना के मर जाऊंगा
नासमझ जानते नहीं, अगर नही पीता तो कब का मर जाता”
-अज्ञात
71 Ghazal Quotes For Drinkers Sad Shayari Status
हरिवंश राय बच्चन की ‘मधुशाला’ के 15 शेर (रुबाईयाँ)
Harivansh Rai Bachchan Poems Quotes for Status
मधुशाला: हरिवंश राय बच्चन की अमर कविता संग्रह
मधुशाला कविता हिंदी साहित्य की एक कालजयी रचना है, जिसे हरिवंश राय बच्चन ने 1935 में लिखा। यह मधुशाला शायरी का अनोखा संग्रह है, जहाँ मधुशाला का अर्थ शराबखाना नहीं, बल्कि जीवन की तृष्णा, प्रेम और दर्शन का प्रतीक है। बच्चन जी की मधुशाला रुबाईयों (चार पंक्तियों) में बुनी गई है, जो पाठक को मयखाने की मस्ती से जीवन की गहराइयों तक ले जाती है।
मधुशाला के विषय में साकी, प्याला और हाला जैसे प्रतीक जीवन की प्यास बुझाने वाले हैं। “मृदु भावों के अंगूरों की आज बना लाया हाला” जैसी पंक्तियाँ भावुकता जगाती हैं। यह हिंदी कविता का क्लासिक न केवल युवाओं में लोकप्रिय हुआ, बल्कि अमिताभ बच्चन की आवाज़ में रिकॉर्डिंग ने इसे घर-घर पहुँचाया। मधुशाला का महत्व सामाजिक विद्रोह और आध्यात्मिक खोज में है, जो आज भी जीवन दर्शन पर शायरी के रूप में प्रेरित करती है।
“मृदु भावों के अंगूरों की आज बना लाया हाला,
प्रियतम, अपने ही हाथों से आज पिलाऊंगा प्याला,
पहले भोग लगा लूं तेरा फिर प्रसाद जग पाएगा,
सबसे पहले तेरा स्वागत करती मेरी मधुशाला।”
-Harivansh Rai Bachchan
“प्यास तुझे तो, विश्व तपाकर पूर्ण निकालूंगा हाला,
एक पाँव से साकी बनकर नाचूंगा लेकर प्याला,
जीवन की मधुता तो तेरे ऊपर कब का वार चुका,
आज निछावर कर दूंगा मैं तुझ पर जग की मधुशाला।”
-Harivansh Rai Bachchan
“प्रियतम, तू मेरी हाला है, मैं तेरा प्यासा प्याला,
अपने को मुझमें भरकर तू बनता है पीनेवाला,
मैं तुझको छक छलका करता, मस्त मुझे पी तू होता,
एक दूसरे की हम दोनों आज परस्पर मधुशाला।”
-Harivansh Rai Bachchan
Free EMI Calculator
“भावुकता अंगूर लता से खींच कल्पना की हाला,
कवि साकी बनकर आया है भरकर कविता का प्याला,
कभी न कण-भर खाली होगा लाख पिएं, दो लाख पिएं!
पाठकगण हैं पीनेवाले, पुस्तक मेरी मधुशाला।”
-Harivansh Rai Bachchan
“मधुर भावनाओं की सुमधुर नित्य बनाता हूं हाला,
भरता हूं इस मधु से अपने अंतर का प्यासा प्याला,
उठा कल्पना के हाथों से स्वयं उसे पी जाता हूं,
अपने ही में हूं मैं साकी, पीनेवाला, मधुशाला।”
-Harivansh Rai Bachchan

“मदिरालय जाने को घर से चलता है पीनेवाला,
‘किस पथ से जाऊं?’ असमंजस में है वह भोलाभाला,
अलग-अलग पथ बतलाते सब पर मैं यह बतलाता हूं –
‘राह पकड़ तू एक चला चल, पा जाएगा मधुशाला।”
-हरिवंश राय बच्चन
“चलने ही चलने में कितना जीवन, हाय, बिता डाला!
‘दूर अभी है’, पर, कहता है हर पथ बतलानेवाला,
हिम्मत है न बढूं आगे को साहस है न फिरुं पीछे,
किंकर्तव्यविमूढ़ मुझे कर दूर खड़ी है मधुशाला।”
-हरिवंश राय बच्चन
“मदिरा पीने की अभिलाषा ही बन जाए जब हाला,
अधरों की आतुरता में ही जब आभासित हो प्याला,
बने ध्यान ही करते-करते जब साकी साकार, सखे,
रहे न हाला, प्याला, साकी, तुझे मिलेगी मधुशाला।”
-हरिवंश राय बच्चन
“मुख से तू अविरत कहता जा मधु, मदिरा, मादक हाला,
हाथों में अनुभव करता जा एक ललित कल्पित प्याला,
ध्यान किए जा मन में सुमधुर सुखकर, सुंदर साकी का,
और बढ़ा चल, पथिक, न तुझको दूर लगेगी मधुशाला।”
-हरिवंश राय बच्चन
A Short Guide to a Happy Divorce
“सुन, कलकल, छलछल मधुघट से गिरती प्यालों में हाला,
सुन, रूनझुन रूनझुन चल वितरण करती मधु साकीबाला,
बस आ पहुंचे, दुर नहीं कुछ, चार कदम अब चलना है,
चहक रहे, सुन, पीनेवाले, महक रही, ले, मधुशाला।”
-हरिवंश राय बच्चन
“जलतरंग बजता, जब चुंबन करता प्याले को प्याला,
वीणा झंकृत होती, चलती जब रुनझुन साकी बाला,
डांट डपट मधुविक्रेता की ध्वनित पखावज करती है,
मधुरव से मधु की मादकता और बढ़ाती मधुशाला।”
-हरिवंश राय बच्चन
“मेहंदी रंजित मृदुल हथेली पर माणिक मधु का प्याला,
अंगूरी अवगुंठन डाले स्वर्ण वर्ण साकीबाला,
पाग बैंजनी, जामा नीला डाट डटे पीनेवाले,
इन्द्रधनुष से होड़ लगाती आज रंगीली मधुशाला।”
-हरिवंश राय बच्चन
“जगती की शीतल हाला सी पथिक, नहीं मेरी हाला,
जगती के ठंडे प्याले सा पथिक, नहीं मेरा प्याला,
ज्वाल सुरा जलते प्याले में दग्ध हृदय की कविता है,
जलने से भयभीत न जो हो, आए मेरी मधुशाला।”
-हरिवंश राय बच्चन
“हाथों में आने से पहले नाज़ दिखाएगा प्याला,
अधरों पर आने से पहले अदा दिखाएगी हाला,
बहुतेरे इनकार करेगा साकी आने से पहले,
पथिक, न घबरा जाना, पहले मान करेगी मधुशाला।”
-हरिवंश राय बच्चन
“लाल सुरा की धार लपट सी कह न इसे देना ज्वाला,
फेनिल मदिरा है, मत इसको कह देना उर का छाला,
दर्द नशा है इस मदिरा का विगत स्मृतियां साकी हैं,
पीड़ा में आनंद जिसे हो, आए मेरी मधुशाला।”
-हरिवंश राय बच्चन
“मदिरा पीने की अभिलाषा ही बन जाए जब हाला,
अधरों की आतुरता में ही जब आभासित हो प्याला,
बने ध्यान ही करते-करते जब साकी साकार, सखे,
रहे न हाला, प्याला, साकी, तुझे मिलेगी मधुशाला।”
-हरिवंश राय बच्चन
उदास शायरी: दर्द-भरी ग़ज़ल की आखिरी पंक्तियाँ
उदास कविता की दुनिया में डूबते हुए, जब दिल की धड़कनें रुक सी जाती हैं, तो सैड पोएट्री (Sad Poetry) ही वो सहारा बनती है जो आंसुओं को शब्द देती है। “वो जो खो गया, वो कभी न मिले, बस यादों का बोझ ढोएं हम” – ऐसी सैड ग़ज़ल कोट (Sad Ghazal Quote) हर रात नींद चुरा लेती है। शायरी के इन दर्द भरे रंगों में, उदास शायरी (Sad Shayari) जैसे एक पुरानी किताब की पन्ने पलटते हैं, जहाँ प्रेम की हार, जुदाई का दर्द और जीवन की नाकामी छिपी रहती है।
कभी मिर्ज़ा ग़ालिब की पंक्ति “हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले” सुनकर, तो कभी फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की ग़ज़ल “गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौबहार चले” से वो उदासी छू जाती है जो सीने को चीर देती। सैड शायरी कोट्स (Sad Shayari Quotes) न केवल दर्द बाँटते हैं, बल्कि हमें सिखाते हैं कि आंसू भी एक कविता हैं। तो आइए, इस दुख भरी शायरी (Sad Poetry in Hindi) के सफर को यहीं विराम दें, लेकिन याद रखें – हर उदासी के बाद सुबह आती है, भले ही वो काली हो। क्या आपकी कोई सैड ग़ज़ल है जो दिल को छू ले? साझा करें, क्योंकि शायरी तो बस आंसुओं का आईना है।



