Gulzar Sahab Ki Ghazal Shayari Quotes Status
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Love Shayari Hindi
गुलज़ार, भारतीय सिनेमा के एक प्रमुख नाम हैं जिन्होंने अपनी कला के माध्यम से समाज की अवस्था को दर्शाने और समझाने का काम किया है। उनका असली नाम संतोष अनंत संदास है, लेकिन उन्हें उनकी शायरी के कारण ‘गुलज़ार’ के नाम से जाना जाता है।
गुलज़ार ने अपनी शायरी के माध्यम से बहुत से लोगों के दिलों में जगह बनाई है। उनकी शायरी और गीतों में व्यक्तिगत अनुभवों की गहराई, समाज के मुद्दों पर उनकी विचारधारा और भारतीय संस्कृति का रंग-बिरंगा परिचय मिलता है।
गुलज़ार का योगदान सिनेमा में भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने अपने शब्दों के माध्यम से कई महान फिल्मों का लेखन किया है, जैसे कि “आंधी”, “मासूम”, “मौसम”, “मेरा नाम जोकर” और “मचिस” आदि। उनकी फिल्मों की कहानियाँ अद्वितीय हैं और उन्होंने समाज के विभिन्न मुद्दों को उजागर किया है।
गुलज़ार के लेखन में एक अद्वितीय रूप से साधारणता और साहस दिखाई देता है। उनकी शायरी में सीमाओं का दर्शन होता है और उन्होंने समाज में छिपे हुए अनेक समस्याओं को उजागर किया है।
गुलज़ार को उनके लेखन के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिसमें उन्हें अनेक बार राष्ट्रीय पुरस्कार, फिल्म फेयर पुरस्कार और फिल्मफेयर पुरस्कार भी शामिल हैं। उन्होंने अपने योगदान से सिनेमा और साहित्य के क्षेत्र में एक विशिष्ट स्थान बनाया है और आज भी उनका कार्य लोगों के दिलों में गहराई तक पहुँचता है।
फितरत तो कुछ यूँ भी है इंसानो की,
Gulzar
बारिश ख़त्म हो जाये तो छतरी भी बोझ लगती है
“वो चीज़ जिसे दिल कहते हैं,
Gulzar
हम भूल गए हैं रख के कहीं।”
मेरी सुबह की टहल में, एक अलग सा सुकून है | बादलों की आस्तीन से जब धूप झाँकती है, खेलती है सतोलिया कुछ टूटे बिखरे टुकड़ो संग ।
Gulzar ki kalam se
Hindi Shayari Gulzar Ki Shayari
लौटने का ख़्याल भी आये तो बस चले आना,
Gulzar
इंतज़ार आज भी बड़ी बेसब्री से है तुम्हारा
कभी तो चौक के देखे कोई मेरी तरफ,
Gulzar
किसी की आँख में हमको भी इन्तिज़ार दिखे |
तस्वीरें लेना भी ज़रूरी है ज़िन्दगी में साहब,
-Gulzar Sahab Ki Shayari
आईने गुज़रा हुआ वक़्त नहीं दिखाया करते |
Gulzar Ki Shayari Quotes
सोचता हूँ दोस्तों पर मुकदमा कर दूँ,
Gulzar
इसी बहाने तारीखों पर मुलाकात तो होगी।
Gulzar Sahab Ki Ghazal Shayari Quotes Status
चंद उम्मीदे निचोड़ी थी तो आहें टपकी,
Gulzar Ki Shayari
दिल को पिघलाये तो हो सकता है सांसे निकले
लफ्ज़ो के भी ज़ायके होते है,
Gulzar Poetry
परोसने से पहले चख भी लेना चाहिये
रात भर करता रहा तेरी तारीफ चाँद से ,
Gulzar ki kavita
चाँद इतना जला कि सुबह तक सूरज हो गया!
दिल अब पहले सा मासूम नहीं रहा
पत्थर तो नहीं हुआ पर अब मोम भी नहीं रहा!
मुझे छोड़कर वो खुश है तो शिकायत कैसी
अब मै उसे खुश भी न देखूं तो मोहब्बत कैसी
तुझे पाने कि ज़िद थी अब भुलाने का ख्वाब है
ना ज़िद पूरी हुई और ना ही ख़्वाब
जागना भी कुबूल है तेरी यादों में रात भर
तेरे अहसासों में जो सुकून है वो नींद में कहाँ
कुछ ऐसे हो गए है, इस दौर के रिश्ते
आवाज़ अगर तुम ना दो, तो बोलते वो भी नही
Gulzar ki shayari in Hindi
बात ये नही कि मै उससे नाराज़ था
Gulzar
बात ये है कि उसने नाराज़ ही रहने दिया
लगता है ज़िंदगी आज खफ़ा है
चलिए छोड़िये ये कौन सी पहली दफा है
खबर सबको थी मेरे कच्चे मकान की
फिर भी दुआओ में लोगो ने बरसात ही मांगी
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िंदगी में मगर
गिनती हम उसी की करते है जो हांसिल ना हो सका
Poetry Shayari Quotes in Hindi
हम तो समझे थे कि हम भूल गए है उनको
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया
उम्र जाया कर दी लोगो ने औरो के वज़ूद में नुक्स निकालते
इतना खुद को तराशा होता तो खुदा बन जाते