अपने घर में तिरंगा लगाने और फहराने जा रहे हैं तो इससे जुड़े कायदे-कानून जान लें। इसके अपमान पर आपको जेल भी हो सकती है।
खुले में 24 घंटे तक तिरंगा फहरा सकते हैं। पूरे सम्मान के साथ फहराएं। तिरंगे को पानी में नहीं भिगोना और किसी भी क्षति से बचाकर रखें
हाथ या मशीन से बना हुआ तिरंगा जोकि कपास/ पॉलिएस्टर/ ऊन/ रेशमी खादी से बना हो अपने घर पर लगा सकते है।
तिरंगे को अब दिन-रात 24 घंटे फहराया जा सकता है। पहले तिरंगे को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की अनुमति थी।
झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए,
लंबाई और चौड़ाई अनुपात
3:2 का होना चाहिए।
अशोक चक्र में 24 तिल्लियां होनी आवश्यक हैं।
तिरंगे को किसी भी प्रकार के यूनिफॉर्म में प्रयोग में नहीं लाया जा सकता।
तिरंगा कभी भी फटा या मैला-कुचैला नहीं फहराया जाना चाहिए।
तिरंगा जमीन को छूना नहीं चाहिए और
किसी भी अन्य झंडे को
राष्ट्रीय ध्वज से ऊंचा नहीं लगाना है।
झंडे के ऊपर कुछ भी बनाना या लिखना गैरकानूनी है।
राष्ट्रीय ध्वज के निस्तारण के दो तरीके - दफन करना या जलाना।
साफ स्थल पर जमीन में दफन करना होगा। इसके बाद उस स्थान पर दो मिनट तक मौन खड़े रहना है।
जलाने के लिए - साफ स्थान पर लकड़ी रखकरआग लगानी है,फिर अग्नि के मध्य में इसे सम्मानपूर्वक तह करके डालना है।
राष्ट्रीय ध्वज हमारा गर्व है।