गणेश चतुर्थी, भगवान गणेश के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है। गणेश की मूर्ति की स्थापना 11 दिन के लिए घर में की जाती है। रोजाना पूजा अर्चना करने के बाद उसे विसर्जित कर दिया जाता है।
शिव और पार्वती के पुत्र हैं गणेश जी। श्री गणेश को ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। भारत के कई राज्यों में यह धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र के लोगो के लिए यह पर्व विशेष महत्व रखता है।
सन 1893 में बाल गंगाधर तिलक ने अंग्रजो के विरुद्ध भारतीयों को एक जुट करने के लिए इस उत्सव का आयोजन किया जिसमे बड़े पैमाने पर लोगो ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा और इस प्रकार पूरे राष्ट्र में गणेश चतुर्थी मनाया जाने लगा।
सभी देवताओ में प्रथम पूज्य गणेश जी को माना जाता है। गणेश भगवान का वाहन चूहा है। किसी भी कार्य को करने से पहले गणेश पूजन की परम्परा है।
गणेश चतुर्थी को मनाने वाले सभी श्रद्धालु इस दिन स्थापित की गयी भगवान् गणेश की प्रतिमा को ग्यारहवे दिन अनन्त चतुर्दशी के दिन विसर्जित करते है, और इस प्रकार गणेश उत्शव का समापन होता है।