Best poetry collection in Hindi and Urdu- 51 Poetry by Gulzar-Gulzar Ki Kavita

Best poetry collection in Hindi and Urdu-

गुलजार साहब नौ भाई-बहन में चौथे नंबर पर थे. उनका जन्म पाकिस्तान के दीना गाँव में 18 अगस्त 1936 में हुआ.
माँ का उनके बचपन में ही देहांत  हो गया था और साथ उन्हें अपने पिता का भी प्यार नहीं मिला। 
गुलज़ार साहब ने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया, शुरू में जब वो  मुंबई आये तो उन्होंने वर्ली के एक गेरेज में वे बतौर मेकेनिक काम किया।और साथ ही कविता लिखने के शौक़ के कारण अपने खाली समय में कविताये लिखते रहे।
धीरे-धीरे फ़िल्म इंडस्ट्री में उनकी पकड़ बनने लगी और वे बॉलीवुड सिनेमा से जुड़ गए।
1963 आयी फिल्म बन्दिनी से फ़िल्मी जगत की दुनिया में प्रवेश किया जिसके निर्देशक, निर्माता बिमल राय थे
और इसी फिल्म के साथ उन्होंने अपने गाने लिखने की शुरुआत की | 

Best poetry collection in Hindi and Urdu
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गुलज़ार जी भाषा उर्दू तथा पंजाबी हैं परन्तु उन्होंने  ब्रज भाषा, खङी बोली, मारवाड़ी और हरियाणवी में भी अपनी रचनाये लिखी जो आज भी काफी प्रचलित हैं.

शाम से आँख में नमी सी है,
आज फिर आप की कमी सी है.
दफ़्न कर दो हमें के साँस भी मिले,
नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है

-Gulzar

मैं हर रात सारी ख्वाहिशों को
खुद से पहले सुला देता हूँ
मगर रोज़ सुबह ये
मुझसे पहले जाग जाती है

Gulzar

हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में,
रुक कर अपना ही इंतज़ार किया

-Gulzar
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Best 51 poetry collection in Hindi and Urdu by Gulzar

कुछ अलग करना हो तो
भीड़ से हट के चलिए,
भीड़ साहस तो देती हैं
मगर पहचान छिन लेती हैं

-Gulzar

हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उनको,
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया

-Gulzar

वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी,
नफरत भी तुम्हारी थी
हम अपनी वफ़ा का इंसाफ
किससे माँगते..
वो शहर भी तुम्हारा था
वो अदालत भी तुम्हारी थी.

-Gulzar

तन्हाई अच्छी लगती है
सवाल तो बहुत करती पर,
जवाब के लिए
ज़िद नहीं करती..

-Gulzar

खता उनकी भी नहीं यारो
वो भी क्या करते,
बहुत चाहने वाले थे
किस-किस से वफ़ा करते 

-Gulzar

Best poetry collection in Hindi and Urdu By Gulzar Sahab

काँच के पीछे चाँद भी था और काँच के ऊपर काई भी
तीनों थे हम वो भी थे
और मैं भी था तन्हाई भी

-Gulzar

हम अपनों से परखे गए हैं,
कुछ गैरों की तरह
हर कोई बदलता ही गया
हमें शहरों की तरह…

-Gulzar

तमाशा करती है मेरी जिंदगी
गजब ये है कि तालियां अपने बजाते हैं !

-Gulzar

Best poetry collection in Hindi and Urdu

आज मैंने खुद से एक वादा किया है,
माफ़ी मांगूंगा तुझसे तुझे रुसवा किया है
हर मोड़ पर रहूँगा मैं तेरे साथ साथ,
अनजाने में मैंने तुझको बहुत दर्द दिया है।

-Gulzar
Best Gazal Quotes with Images
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कभी तो चौक के देखे कोई हमारी तरफ़,
किसी की आँखों में हमको भी इंतजार दिखे।

-Gulzar

Best Hindi Quotes By Chanakya

तेरे बिना ज़िन्दगी से,
कोई शिकवा तो नहीं
तेरे बिना पर ज़िन्दगी भी,
लेकिन ज़िन्दगी तो नहीं

-Gulzar

पनाह मिल जाए रूह को
जिसका हाथ छूकर
उसी हथेली पर
घर बना लो

-Gulzar

कुछ भी कायम नहीं है,
कुछ भी नहीं और जो कायम है
बस एक मैं हूं मैं जो
पल-पल बदलता रहता हूं

Gulzar

थोड़ा सुकून भी ढूंढिए जनाब
यह जरूरतें तो कभी खत्म नहीं होती

-Gulzar
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Gulzar Sahab ki shayari

बचपन में भरी दुपहरी में
नाप आते थे पूरा मोहल्ला
जबसे डिग्रियां समझ में
आईं पांव जलने लगे

-Gulzar

एक परवाह ही बताती है,
कि ख्याल कितना है
वरना कोई
तराजू नहीं होता रिश्तो में

-Gulzar
Best poetry collection in Hindi and Urdu
Hindi Urdu Poetry

दौलत नहीं, शोहरत नहीं,
न वाह-वाह चाहिए
“कैसे हो?”
बस दो लफ्जों की
परवाह चाहिए

-Gulzar

Best poetry collection in Hindi and Urdu-Gulzar ki shayari

थम के रह जाती है जिंदगी,
जब जमके बरसती हैं पुरानी यादें
मुझे ऐसे मरना है जैसे,
लिखते लिखते स्याही खत्म हो जाए

-Gulzar
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Best poetry by Gulzar

बदल जाओ वक़्त के साथ, 
या वक़्त बदलना सीखो
मजबूरियों को मत कोसो, 
हर हाल में चलना सीखो.

-Gulzar

महफ़िल में गले मिलकर, 
वह धीरे से कह गए
यह दुनिया की रस्म है, 
इसे मुहोब्बत मत समझ लेना

-Gulzar

तजुर्बा बता रहा हूँ ऐ दोस्त 
दर्द, गम, डर जो भी हो बस तेरे अन्दर है
खुद के बनाए पिंजरे से निकल कर तो देख तू भी एक सिकंदर है.

-Gulzar

बहुत मुश्किल से करता हूँ,
तेरी यादों का कारोबार
मुनाफा कम है,
पर गुज़ारा हो ही जाता है

-Gulzar

आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं
मेहमाँ ये घर में आएँ तो चुभता नहीं धुआँ

-Gulzar

पलक से पानी गिरा है,
तो उसको गिरने दो
कोई पुरानी तमन्ना,
पिंघल रही होगी!

-Gulzar

Gulzar Sahab Ki Shayari – Hindi Poetry by Gulzar

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